पुलिस की वर्दी का रौब दिखाने की चाहत में महिला ने कर दिया कांड
पूरा मामला देवरिया जिले के खामपार थाना क्षेत्र का है। जहां दारोगा की वर्दी में घूमती महिला पकड़ी गई। पूरी रात पुलिस ने महिला से पूछताछ की। मुकदमा दर्ज कर थाने से ही जमानत मुचलका पर छोड़ा। जिसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं भी हो रही हैं।
खामपार थाना क्षेत्र के निशनिया पैकौली की रहने वाली रजनी दुबे लखनऊ में बच्चों के साथ रहती है। वहीं बच्चों को पढ़ाती है। गुरुवार को छठ पूजा था। वह दारोगा की वर्दी पहनकर लखनऊ से ट्रेन से अपने गांव के लिए चल दी। भाटपाररानी में ट्रेन से उतरी और अपने पति प्रभुनाथ को फोन कर बुलाया। प्रभुनाथ बाइक लेकर आए और रजनी को बाइक पर बैठाकर गांव ले जा रहे थे।
भिंगारी बाजार में खामपार थानाध्यक्ष महेंद्र चतुर्वेदी की नजर दारोगा की वर्दी पहने महिला पर पड़ी तो मामला संदिग्ध लगा। इसके बाद पुलिस कर्मियों ने बाइक रोक कर पूछताछ शुरू की। महिला पूछताछ में हड़बड़ाने लगी तो थानाध्यक्ष को संदेह हुआ।
इसके बाद पुलिसकर्मी रजनी व उसके पति को लेकर थाने पहुंचे। पूरी रात पूछताछ चली। जिसमें महिला ने बताया कि वह लखनऊ में रहती है। वहीं से वर्दी की खरीदारी की थी। उसका शौक था कि वह अपने गांव वर्दी में गांव पहुंचे। इसलिए उसने वर्दी पहन ली और ट्रेन से गांव के लिए चल दी। महिला का मायका पड़ोसी प्रांत बिहार के सिवान जनपद के गोरेया कोठी के लद्दी सरहरी गांव में है। थानाध्यक्ष महेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि महिला ने शौकिया तौर पर पोशाक धारण किया था। महिला के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जमानत मुचलका पर छोड़ा गया।
तो यह थी रजनी की लालच:
महिला का गांव में वर्दी पहन कर जाने का तो शौक था। पुलिस कर्मियों की माने तो असली वजह यह भी था कि छठ के चलते सभी ट्रेनों में भीड़ थी। बैठने के लिए जगह नहीं मिल रही थी। इसलिए उसने वर्दी पहन ली और वर्दी में होने के चलते उसे बैठने के लिए सीट मिल गया।
इस अपराध की यह है सजा:
पुलिस ने इस मामले में बीएनएस की धारा 205 के तहत उप निरीक्षक कृपाराम यादव की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया है। इस धारा में तीन माह की सजा व पांच हजार रुपये का जुर्माना का प्रविधान है। गिरफ्तारी की धारा न होने के चलते थाने से ही जमानत मुचलके पर रजनी को जाने दिया गया।
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